सॉल्वर गैंग का जन्म डेढ़ दशक पहले उत्तर प्रदेश के बड़ौत(बागपत) कस्बे में हुआ था। बड़ौत की खत्री गढ़ी में अरविन्द राणा नामक युवक कोचिंग सेंटर चलता था,वहीं से अरविन्द ने पहले परीक्षा के पेपर आउट कराये, फिर इसके बाद सॉल्वर को परीक्षा में बैठाया गया। इलेक्ट्रिक तकनीक भी इसमें प्रयोग की। इस तरह से देखते ही देखते अरविन्द राणा सॉल्वर गैंग का सरगना बन गया। देश भर में उसने बड़ा रैकेट तैयार कर लिया। बिहार, यूपी, हरियाणा, केन्द्र सरकार की परीक्षाएं हो, सभी में इस गिरोह ने घुसपैठ कर ली। इस गिरोह के पचास से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी पुलिस कर चुकी है। कई आॅफिसर पद पर कार्यरत होने के बाद भी इस गिरोह को संचालित कर रहे थे, जिसमें पिछले दिनों बागपत के बाजिदपुर में कस्टम विभाग के ए-क्लास के आॅफिसर को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। गिरोह व्यापक स्तर पर सरकारी जॉब दिलाने में पकड़ बनाता चला गया। गिरोह सरगना अरविन्द राणा के खिलाफ चालीस से ज्यादा मुकदमें दर्ज है, मगर उसको पुलिस डेढ़ दशक बाद भी गिरफ्तार नहीं कर सकी। अरविन्द ने पुलिस विभाग में भी बड़ी तादाद में दारोगा व सिपाही भर्ती कराये है, जिनसे गहरी घुसपैठ बनी हुई