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Showing posts from February, 2022

भाजपा में खिंची परेशानी की लकीर

मित्रों पूरे देश की निगाहें यूपी के चुनाव पर लगी हैं। चुनाव तो पंजाब, उत्तराखंड में भी हो रहे हैं, लेकिन यूपी सर्वाधिक महत्वपूर्ण हो गया हैं। ​​भाजपा में परेशानी की लकीरे खींचने लगी है। तीन चरणों के चुनाव के बाद भाजपा नेताओं में अजीब सी बैचेनी पैदा हो गई हैं। यह चुनाव 2022 का नहीं, बल्कि 2024 का सेमीफाइनल भी है। इस वजह से भी भाजपा शीर्ष नेताओं ने पूरी ताकत झोंकी, लेकिन आखिर एक माह में ऐसा क्या हुआ कि यूपी का चुनाव ही बदल गया। इसकी वजह क्या हैं ? क्या नेताओं का एक पार्टी छोडकर दूसरी पार्टी में जाना वजह हैं या किसान आंदोलन।  क्योंकि पश्चिमी यूपी के किसानों की आंदोलन में अहम भूमिका रही हैं।  किसान आंदोलन से पहले भाजपा का कहीं कोई विरोध नहीं था। विपक्ष को पैर टेकने की जगह नहीं मल रही थी। इस बात को भाजपा के कई बडे नेता भी मानते हैं, मगर इसे जगजाहिर नहीं होने दे रहे हैं। किसान आंदोलन जैसे ही चला, विपक्ष भी शोर—शराबा करने लगा। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पश्चिमी यूपी में ताबडतोड महापंचायत की। जयंत चौधरी का महापंचायत करने का रेस्पांस भी मिला। किसान आंदोलन का 13 माह चलना भी भाजपा के लिए नुकसान

पीएम आवास योजना का बंटाधार!

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लोगों को आवास देने का ड्रीम प्रोजेक्ट हैं, लेकिन इस प्रोजेक्ट में भी भ्रष्टाचार हो रहा हैं। ऐसा ही एक मामला पश्चिमी यूपी के सहारनपुर जनपद का सामने आया है, जिसमें डूडा के परियोजना अधिकारी ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर पहले तो परियोजना अधिकारी का पद हथियाया, ​फिर घोटाला कर दिया। देखा जाए तो पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार चरम पर है।  यही वजह है कि इसमें घोटाला करने के लिए फर्जी नियुक्ती तक लोग करा रहे हैं। इस बड़े फर्जीवाड़े में पर्दे के पीछे कौन हैं? चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के एक संविदा कर्मी ने किस तरह से सरकार में बैठे रसूखदारों से मिलकर किस तरह से फर्जीवाड़ा किया, फिर करीब 25 करोड़ का घोटाला कर दिया। घोटाला होने के बाद भी पीएम आवास को लेकर आला अफसर चुप्पी साधे हुए हैं। आखिर इसके पीछे कितना बड़ा महाखेल चल रहा था। दरअसल, सत्ता की हनक अनुज प्रताप दिखाते थे।  अनुज प्रताद कैसे संविदा कर्मी से सहारनपुर के पीओ के पद तक पहुंच गया। कैसे उसकी तैनाती कर दी गई? जब प्रदेश में डूडा आॅफिस में तैनात होने वाले परियोजना अधिकारी(पीओ)की सीएम आॅफिस से सूची जारी हो रही थी, तब अंत