मेरठ विकास प्राधिकरण(एमडीए) ने हापुड़ स्टैंड चौराहे पर रोटरी बनाने का निर्णय लिया है। इसका प्लान यूएमटीसी से बनवा लिया गया है। जल्द ही रोटरी के निर्माण का कार्य चालू कर दिया जाएगा। गौरतलब बात यह भी है कि हापुड़ स्टैंड चौराहे पर वर्तमान में रोटरी की नहीं, बल्कि फ्लाई ओवर बनाने की आवश्यकता है। क्योंकि जो सर्वे हुआ है, उसमें यह बात सामने आई है कि यहां पर ट्रैफिक ज्यादा है, जिसके चलते रोटरी कामयाब होगी, इस विभागीय अफसरों को भी शंका है। आला अफसर रोटरी बनाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन यह भी विचारनीय प्रश्न है कि मेरठ विकास प्राधिकरण के पास रोटरी से ज्यादा खर्च करने को बजट भी नहीं है। बजट होता तो फिर फ्लाई ओवर ही बनाया जाता। हापुड़ रोड का एनएचएआई ने चौड़ीकरण व निर्माण तो कर दिया,मगर शहर की एंट्री प्वांइट पर ध्यान नहीं दिया। एनएचएआई की जिम्मेदारी बनती है कि शहर के पार्ट पर भी फ्लाई ओवर का भी निर्माण कराये? बरहाल कुछ भी हो फिलहाल शहर की जनता को रोटरी से ही काम चलाना पड़ेगा। यह भी महत्वपूर्ण है कि रोटरी बनने के बाद जाम नहीं लगेगा, ऐसी संभावनाएं कम है। क्योंकि जिस तरह से सर्वे में यह बात सामने आई है कि ट्रैफिक फ्लाईओवर का है, जबकि निर्माण रोटरी का किया जा जाएगा। रोटरी बड़ी होनी चाहिए। क्योंकि जयपुर व भोपाल की तरह से बाद में कहीं रोटरी को खत्म करने का निर्णय नहीं करना पड़े। दरअसल, मेरठ विकास प्राधिकरण ने रोटरी बनाने से पहले यूएमटीसी से इसका प्लान तैयार कराया है। इस पर करीब 70 लाख रुपये मेरठ विकास प्राधिकरण का खर्च होगा। इसमें सर्वप्रथम यह देखा जा रहा है कि हापुड़ स्टैंड चौराहे पर ट्रैफिक जाम की समस्या से जनता को निजात मिल सके, लेकिन महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि 70 लाख खर्च करने के बाद भी यदि जाम की स्थिति बनी रहेगी तो फिर रोटरी बनाने का कोई औचित्यन नहीं बनता है। वर्तमान में भी एक तरह से रोटरी ही हापुड़ रोड चौराहे पर बनी है। बीच में पार्क बनाकर रोटरी का रूप दिया गया है।
आठ चौराहे स्मार्ट सिटी योजना से होंगे तैयार
मेरठ विकास प्राधिकरण ने शहर के 9 चौराहों को स्मार्ट बनाने का प्लान तैयार कराया है, जिसमें हापुड़ स्टैंड चौराहे को मेरठ विकास प्राधिकरण खुद तैयार कराएगा, जबकि शहर के आठ अन्य चौराहे स्मार्ट सिटी योजना के तहत तैयार किए जाएंगे। इसमें मेरठ विकास प्राधिकरण यूएमटीसी से सभी आठ चौराहा का प्लान तैयार कराएंगे, लेकिन उस पर धन स्मार्ट सिटी के खाते से खर्च किया जाएगा। मेरठ विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी सिर्फ इतनी होगी कि वह यूएमटीसी से चौराहे के प्लान तैयार करके देगा। बाकी कार्य नगर निगम व स्मार्ट सिटी योजना को देखने वाले अधिकारी करेंगे। इस दिशा में मेरठ विकास प्राधिकरण ने तैयारी तेज कर दी है। अभी उन चौराहों का सर्वे कराया जा रहा है जिनका सौंदर्य करण किया जाना है। यही नहीं खुद मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजेश कुमार पांडे भी एसपी ट्रैफिक के साथ शहर के तमाम भीड़-भाड़ वाले चौराहों का दौरा कर चुके हैं। इसके बाद ही इनके सौंदर्यकरण व ट्रैफिक को सुगम बनाने का प्लान तैयार किया जा रहा है। चौराहों पर लालबती तो लगेगी नहीं, क्योंकि मेरठ शहर में लालबत्ती कामयाब भी नहीं होगी। क्योंकि पहले भी इसका प्रयोग करके देखा जा चुका है। ट्रैफिक नियंत्रण के लिए तो ट्रैफिक पुलिस कर्मियों का चौराहे पर होना अनिवार्य है, वहीं ट्रैफिक को नियंत्रित कर सकते हैं।
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