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Showing posts from August, 2012

विधायक ने कराया बद्दो का समर्पण

कहानी एक लाख के इनामी बदमाश बदन सिंह बद्दो की है, जो एक दशक से पुलिस की पहुंच से दूर था। हाथ लगा तो कहानी कुछ इस तरह से सामने आई। टॉप अपराधी के साथ पुलिस की मुठभेड तक नहीं। मुठभेड़ नहीं हुई तो बरामदगी कैसे हो सकती थी। मामूली मामले में तो पुलिस फर्जी मुठभेड़ दर्शाती है, मगर बदन सिंह बद्दो को लेकर एसटीएफ व मेरठ पुलिस कुछ खास मेहरबान दिखी। कहां सेटिंग चली? किसने मध्यस्ता की? इसका खुलासा सिलसिलेवार किया जा रहा है। सूत्र बताते है कि द्वारिका स्थित एक फ्लेट में सेटिंग चली, जहां चला एक लाख के इनामी बदमाश बदन सिंह बद्दो के समर्पण का खेल। इस पूरे खेल में कन्नौज के विधायक अरविन्द यादव ने अहम भूमिका निभाई। एक घंटा एसटीएफ की टीम बदन सिंह के फ्लेट में रही। दिल्ली से वातानुकूलित कार में बद्दो को मेरठ तक एसटीएफ की टीम लेकर पहुंची तथा इसके बाद ही पुलिस के सुपुर्द किया। एसटीएफ की टीम जिस समय बदन सिंह को मेरठ लेकर पहुंची तो वह शूट-बूट में था। कपड़ों पर धूल तक नहीं थी। पैरों में पेरिस से खरीदे गए जूते पहने हुए था। बड़ा सवाल यह है कि बदन सिंह बद्दो के फ्लेट में एसटीएफ टीम थी, तब बद्दो नहाया, फिर कपड़े पहने। ख

राजनीति का ‘शंखनाद’

अराजनैतिक अन्ना हजारे ने राजनीति का शंखनाद कर दिया है। अनशन के जरिए ‘राजतंत्र’को हिला देने वाले अन्ना हजारे की शायद समझ में आ गया है कि राजनीति के बिना लोकपाल विधेयक सं•ाव नहीं है। राजनीति की जो पारी अन्ना हजारे खेलने जा रहे है, उसमें उन्हें कितनी कामयाबी मिलेगी? यह तो फिलहाल समय के गर्•ा में है, मगर इतना अवश्य है कि उनके लिए राजनीति की डगर इतनी आसान नहीं है, जितनी समझ रहे है। राजनीति की ‘डगर’में कांटे ही कांटे है। कांटों पर चलकर ही राजनीति की सोंधी खुशबू आ सकती है। राजनीति के प्रथम पायदान से ही अन्ना टीम को चुनौती मिलना लाजिमी है। क्योंकि राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी टीम अन्ना को कहां कटघरे में खड़ा कर दे? कुछ नहीं कहा जा सकता। मानते है कि अन्ना व उसकी टीम निष्ठा व ईमानदारी के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी, लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां खड़ी मिलेगी। पहली चुनौती है जातिवाद। जातिवाद से टीम अन्ना कैसे निपटेगी? यह •ाी बेहद कठिन नजर आ रहा है। क्योंकि देश में जातिवाद की राजनीति ही चल रही है। जाति के आधार पर मतदाता प्रत्याशी को वोट देते है। जातिवाद से •ाी यदि टीम अन्ना निपट गई तो फिर बात आती है स