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पाकी का कंपाउंडिंग मानचित्र निरस्त, गिरेगी बिल्डिंग

शताब्दीनगर डिवाइडर रोड पर हुआ है फैक्ट्री का निर्माण   मेरठ की पाकी इंटरप्राइजेज की शताब्दीनगर स्थित बिल्डिंग का कंपाउंडिंग मानचित्र मेरठ विकास प्राधिकरण(एमडीए) ने निरस्त कर दिया है। प्राधिकरण में पाकी इंटरप्राइजेज की बिल्डिंग का कंपाउंडिंग मानचित्र दाखिल किया गया था, जिसकी जांच पड़ताल के बाद प्राधिकरण इंजीनियरों ने इसे रिजेक्ट कर दिया है। दरअसल, तीन हजार वर्ग मीटर जमीन में शताब्दीनगर स्थित डिवाइडर पर अचार की फैक्ट्री बनाई जा रही है। यह फैक्ट्री पंकज गोयल की बताई गई है। इंजीनियरों की टीम ने जो कंपाउंडिंग मानचित्र मेरठ विकास प्राधिकरण में दाखिल किया गया था, उसकी मौके पर जाकर जांच पड़ताल की, जिसमें लिंटर के आगे निकाले गए छज्जे पर तीन मंजिल तक बिल्डिंग उठा दी गई है, जो नियमविरुद्ध है। इसी वजह से पूरी बिल्डिंग को कंपाउंडिंग के दायरे से बाहर कर दिया गया हैं। यही नहीं, सर्विस रोड पर फैक्ट्री मालिक ने टॉयलेट के टैंक बना दिए। इसका उल्लेख भी इंजीनियरों ने अपनी रिपोर्ट में किया हैं। इस वजह से भी कंपाउंडिंग के मानचित्र को निरस्त करना बताया जा रहा है। फिर फैक्ट्री के चारों दिशाओं में दमकल विभाग की ग
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बिल्डिर के खिलाफ कमिश्नर से लगाई गुहार

भू-माफिया घोषित करने की मांग, किसानों ने दिया ज्ञापन  मेरठ में घाट के कुछ किसान गुरुवार को कमिश्नर के सामने पेश हुए। इन किसानों का आरोप था कि बिल्डर मोनू गुर्जर ने उनके खेत की चकरोड और नाली को खत्म कर दिया है, जिसके चलते किसान अपने खेतों पर नहीं जा पाते है और खेतों की सिंचाई भी नहीं कर पा रहे हैं।  नहीं आवगमन हो पाता हैं। उनके खेतों पर आने जाने के लिए रास्ता भी खत्म कर दिया गया है। किसानों का कहना है कि उनके खेत की चकरोड और नालियों को खत्म करने वाले बिल्डर को भू-माफिया में चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई की जाए। किसानों ने कहा कि खसरा संख्या 1141, 1149, 1162, 1170 आदि में नाली सरकारी है, जो बिल्डर मोनू ने अवैध कॉलोनी में मिलाकर कब्जा कर लिया है, ऐसा आरोप लगाया है। इसमें कितनी सच्चाई हैं, इसकी जांच एमडीए सचिव और प्रशासन की टीम करेगी, जिसके बाद ही वास्तविकता सामने आएगी। शिकायतकर्ता किसान दुर्गा पुत्र शीशा निवासी घाट ने कमिश्नर से गुहार लगाई है कि सरकारी नाली और उनकी चकरोड की जमीन को कब्जा मुक्त कराकर मोनू के खिलाफ भू-माफिया की कार्रवाई की जाए। साथ ही उनकी अवैध कॉलोनी पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीक

एनएचआई अफसरों ने मूंदी आंखें

बागपत बाइपास ओवर ब्रिज के नीचे बन गए गहरे गड्ढे, हर रोज हो रही है दुर्घटनाएं   मेरठ में एनएचएआई ने अपनी सड़कों को लेकर आंखें मूंद ली हैं। सर्विस रोड बागपत बाइपास की हो या फिर सरधना बाइपास की, सभी खराब हो गई हैं। इनकी मरम्मत तक नहीं की जा रही हैं। एनएचएआई की लापरवाही के चलते बागपत बाइपास पर तो आये दिन दुर्घटना हो रही हैं। फिर भी सड़क की मरम्मत तक नहीं की जा रही हैं, जबकि टोल की वसू ली पूरी की जा रही हैं, उसमें कहीं कोई छुट्ट नहीं दी जाती। बागपत बाइपास पर लोगों ने खराब सड़क को लेकर हंगामा किया तथा मौजूद पुलिस कर्मियों ने लोगों को समझाया, जिसके बाद ही प्रदर्शनकारी लौटे।   दरअसल, एनएचएआई ने सर्विस रोड तो बना दी, लेकिन यहां का पानी का निकास कहां होगा? इसका कोई प्लान नहीं किया, जिसके चलते हाइवे पर पानी भर जाता हैं। ये पानी एकठ्ठा होकर बागपत बाइपास पर स्थित फ्लाई ओवर के नीचे एकत्र हो जाता हैं, जिसके चलते यहां सड़क भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उसमें गहरे गड्ढे बन गए हैं। इनमें दुपहिया वाहन तो अगला टायर जाने के बाद गड्ढे में ही गिर जाता हैं। जनवाणी फोटो जर्नलिस्ट ने गुरुवार को कई दुपहिया वा

अवैध निर्माण की बाढ़

 न्यू ट्रांसपोर्ट नगर था प्लानिंग में बन गई अवैध कालोनियां रामबोल तोमर महायोजना 2031 पर प्लान चल रहा है। तमाम नियमों को लागू किया जा रहा है ।इससे पहले महायोजना 2021 पर काम हुआ था ।तब मेरठ विकास प्राधिकरण ने न्यू ट्रांसपोर्ट नगर बागपत रोड स्थित पांचली खुर्द गांव में विकसित करने का प्लान तैयार किया था ।क्योंकि शहर में ट्रांसपोर्ट नगर से जाम की समस्या पैदा हो गई है ।इसी वजह से महायोजना 2021 में मेरठ विकास प्राधिकरण ने ट्रांसपोर्ट नगर को शहर से बाहर ले जाने का प्लान किया था ।जिसमें पांचली खुर्द में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर विकसित किया जाना था इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी प्रशासन ने पूरी कर ली थी ।मेरठ विकास प्राधिकरण 6 करोड रुपए प्रशासन को जमीन अधिग्रहण करने के लिए दे भी चुका था । वर्तमान में मेरठ विकास प्राधिकरण कि न्यू ट्रांसपोर्ट नगर कि प्लानिंग को बिल्डर अवैध कालोनियां विकसित कर पलीता लगा रहे हैं । करीब 60 बिघा से ऊपर जमीन पर अवैध कालोनियां बना दी गई है ।कमिश्नर न्यू ट्रांसपोर्ट नगर की दमदार प्लानिंग कर रहे हैं लेकिन बिल्डर इस योजना को पलीता लगाने में जुटे हैं अब प्राधिकरण के इंज

खाकी पर हमला, सिपाही घायल

 मेरठ : लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र में खाकी पर हमला कर दिया।हमले में देख पुलिसकर्मी घायल हो गया है,जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है । घायल सिपाही का नाम अमित बताया गया है जिसकी डॉक्टरी जिला अस्पताल में हुई है । हालांकि अभी घायल सिपाही की तरफ से लिसाड़ी गेट थाने में कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया है । मारपीट की वजह क्या है इसे पुलिस के आला अफसर भी छुपा रहे हैं ।

भाकियू का आधी रात में चालू हुआ कलक्ट्रेट में धरना, प्रशासन में हड़कंप

  मेरठ में गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर भाकियू कार्यकर्ताओं ने आधी रात में डीएम आॅफिस पर डेरा लगा दिया। रात्रि में भाकियू के धरना आरंभ कर देने से अधिकारी भी नहीं समझ पाये कि आखिर रात्रि में धरना क्यों चालू कर दिया हैं। धरने पर बैठे किसानों ने बताया कि लखीमपुर खीरी में धरने पर बैठे किसानों का पानी और बिजली काटने से किसानों का आक्रोश भड़क गया। 75 घंटे से लखीमपुर खीरी में किसानों को केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ धरना चल रहा हैं।  भारतीय किसान यूनियन के राष्टÑीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के आह्वान पर रात्रि में अचानक धरना आरंभ हुआ हैं। किसान अपना हुक्का व टेंट लेकर डीएम आॅफिस पर पहुंचे तथा यहीं पर अपना डेरा जमा दिया। किसानों के रात्रि में धरने पर बैठने से  प्रशासन में खलबली मच गई। सुबह तक किसानों की भीड़ कलक्ट्रेट में बढ़ जाएगी। ऐसा माना जा रहा हैं। यहां धरने का नेतृत्व रविंद्र सिंह दौरालिया कर रहे हैं।  केन्द्रीय राज्यमंत्री अजय टोनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर किसानों का धरना चल रहा हैं। किसानों पर दर्ज कराये गए मुकदमों को वापस करने की मांग को लेकर किसान धरना दे रहे हैं।  भाक

70 करोड़ की वक्फ बोर्ड की जमीन पर माफिया काबिज

  यूपी में योगी आदित्यनाथ ने जब प्रदेश मुख्यमंत्री की बागडौर संभाली तो लगा कि माफिया का सफाया हो जाएगा, लेकिन वर्तमान में माफिया सरकारी और वक्फ बोर्ड की जमीन को हथियाकर कॉलोनी विकसित कर रहा हैं। उनकी चाबुक मेरठ के माफिया पर नहीं चल रही है। हम बात कर रहे हैं मेरठ के कंकरखेड़ा स्थित ड्रीम सिटी के समीप वक्फ बोर्ड की 65 बीघा जमीन की। सरकारी दस्तावेज में ये जमीन वर्तमान में भी 65 बीघा दर्ज  हैं, लेकिन मौके पर 17 बीघा जमीन हैं। बाकी 48 बीघा जमीन कहां गई? कुछ पता नहीं। यह बड़ा सवाल भी हैं, जिसका जवाब नहीं तो प्रशासन के पास है और नहीं वक्फ बोर्ड के पास। बची 17 बीघा जमीन पर मिट्टी डालकर कब्जा किया जा रहा हैं। रोड बनाने के लिए मिट्टी भराव किया जा रहा हैं। र्इंटों के चट्टे लगा दिये गए हैं दीवार करने के लिए। जमीन पर कब्जा कर प्लाटिंग करने वाले भाजपा के कई नेताओं के नाम इसमें सामने आ रहे हैं, जिनका नाम फिलहाल सार्वजनिक करना अनुचित हैं। ऐसा तब है, जब इस जमीन को लेकर सपा सरकार में कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा चुका हैं। विवादित जमीन पर कब्जा कर प्लाटिंग की जा रही हैं,  फिर भी भाजपा नेता अपने स