उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती |
वहीं माया अब यह समझाने में जुटी हैं कि बिहार में नीतीश की सत्ता में वापसी का विकास कार्यों से कुछ लेना देना नहीं है। न ही लोगों ने जातिवाद से ऊपर उठकर मतदान किया है। बल्कि जनता लालू-पासवान के परिवारवाद उनके अहं से नाख़ुश थी। बिहार चुनाव के नतीजों से जाहिर है कि विकास कार्यों के बावत उपजी जनाकांक्षा ने नीतीश सरकार की वापसी में अहम किरदार निभाया है। ख़ुद मायावती भी इसे भांप गई हैं। यही वजह है कि वे भले ही नीतीश की जीत के जो भी कारण बताएं, लेकिन भीतर ही भीतर विकास के मसले पर उनकी सरकार की सक्रियता तेज़ हो गई है। यूपी में समीक्षा बैठको के दौर में आई तेज़ी तो यही बयां कर रही है।
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