बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से चौथे चरण में 8 जिलों की 42 सीटों के लिए मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। चौथे दौर में 568 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना था जिसमें 58 महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं। इस दौर में एक तरफ बाहुबलियों की किस्मत दांव पर थी तो दूसरी तरफ नक्सलियों का खौफ भी देखने को मिल रहा था। पटना में एक तरफ लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी अपनी बेटी के साथ में वोट डालने पहुंचे तो अपने साथ सुरक्षाकर्मियों को बूथ के अंदर ले जाने पर खबरों की सुर्खियां भी बन गए। और आचार संहिता के उल्लंघन करने पर लालू के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया। नीतीश ने लालू पर कानून तोड़ने की आदत होने का इल्जाम भी लगाया। इसके अलावा प्रदेश के 42 विधानसभा सीटों में से नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों के खौफ को दरकिनार करते हुए लोगों ने वोटिंग में हिस्सा भी लिया। खासतौर पर लखीसराय इलाके में नक्सलियों ने वोट बहिष्कार का जो ऐलान किया था उसे न मानते हुए स्थानीय लोगों ने लोकतंत्र के इस पर्व में खुलकर शिरकत की। हालांकि चुनाव आयोग की सख्ती के चलते कुछ इलाकों में मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित भी रह गए। 42 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाने के अलावा इसी दौर में एकमात्र लोकसभा सीट बांका पर भी वोट डाले गए। जो दिग्विजय सिंह की मौत के बाद रिक्त हुई थी।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से चौथे चरण में 8 जिलों की 42 सीटों के लिए मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। चौथे दौर में 568 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना था जिसमें 58 महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं। इस दौर में एक तरफ बाहुबलियों की किस्मत दांव पर थी तो दूसरी तरफ नक्सलियों का खौफ भी देखने को मिल रहा था। पटना में एक तरफ लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी अपनी बेटी के साथ में वोट डालने पहुंचे तो अपने साथ सुरक्षाकर्मियों को बूथ के अंदर ले जाने पर खबरों की सुर्खियां भी बन गए। और आचार संहिता के उल्लंघन करने पर लालू के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया। नीतीश ने लालू पर कानून तोड़ने की आदत होने का इल्जाम भी लगाया। इसके अलावा प्रदेश के 42 विधानसभा सीटों में से नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों के खौफ को दरकिनार करते हुए लोगों ने वोटिंग में हिस्सा भी लिया। खासतौर पर लखीसराय इलाके में नक्सलियों ने वोट बहिष्कार का जो ऐलान किया था उसे न मानते हुए स्थानीय लोगों ने लोकतंत्र के इस पर्व में खुलकर शिरकत की। हालांकि चुनाव आयोग की सख्ती के चलते कुछ इलाकों में मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित भी रह गए। 42 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाने के अलावा इसी दौर में एकमात्र लोकसभा सीट बांका पर भी वोट डाले गए। जो दिग्विजय सिंह की मौत के बाद रिक्त हुई थी।
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