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आंध्र क़ी राजनीति में भूचाल, जगन मोहन का इस्तीफ़ा

आंध्र प्रदेश क़ी राजनीति में सोमवार को भूचाल आ गया है. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाइएसआर रेड्डी के बेटे सांसद जगन मोहन रेड्डी व उनकी माँ लक्ष्मी ने कांग्रेस को बाय-बाय कर दिया हैं. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी को एक चिट्ठी लिखकर उन्हें सूचित किया है कि वो पार्टी छोड़ रहे हैं. उन्होंने सांसद के पद से अपना त्यागपत्र लोकसभा अध्यक्ष को भी भेज दिया है. जिसे लोकसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है. जगन मोहन रेड्डी की माँ विजयालक्ष्मी रेड्डी विधायक थी, उनका भी  इस्तीफ़ा हो गया है. विजयालक्ष्मी पुलिवेंदुला से विधायक थी. राज्य के करीब बीस  कांग्रेस नेताओं और विधायकों ने इस्तीफ़ा देने की पेशकश की है. जगन मोहन रेड्डी का दावा है कि उनके साथ  बीस विधायक हैं. अगर जगन रेड्डी का दावा सही है तो राज्य विधानसभा में कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ जाएगी. विधानसभा की कुल 294 में से कांग्रेस के पास अभी 156 विधायक हैं.सरकार बनाने के लिए 148 विधायको के सामान्य बहुमत की ज़रूरत है. अगर बीस विधायक जगन के साथ हो लेते हैं तो कांग्रेस का बहुमत अल्पमत में चला जायेगा. इससे तो यहाँ क़ी राजनीति में तूफान आ गया है. बता दे, पिछले साल सितंबर में अपने पिता की एक हवाई दुर्घटना में हुई अचानक मौत के बाद जगन रेड्डी ख़ुद राज्य का मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते थे. पर्यवेक्षकों का मानना है कि कुछ समय से उनके कथनों को पार्टी विरोधी गतिविधियाँ माना जा रहा था और कई वरिष्ठ नेताओं का विचार था कि वो पार्टी के लिए वह एक मुसीबत बनते जा रहे हैं. देखा जाए तो पिछले दिनों जगन मोहन रेड्डी के साक्षी टीवी पर कांग्रेस विरोधी कार्यक्रमों और सोनिया व राहुल गांधी की आलोचना के प्रसारित होने के बाद जगन मोहन रेड्डी ख़ासे दबाव में हैं.पार्टी हाई कमान ने कई दफा उनपर नकेल कसने क़ी सोची, पर कुछ नहीं किया.

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बिल्डिर के खिलाफ कमिश्नर से लगाई गुहार

भू-माफिया घोषित करने की मांग, किसानों ने दिया ज्ञापन  मेरठ में घाट के कुछ किसान गुरुवार को कमिश्नर के सामने पेश हुए। इन किसानों का आरोप था कि बिल्डर मोनू गुर्जर ने उनके खेत की चकरोड और नाली को खत्म कर दिया है, जिसके चलते किसान अपने खेतों पर नहीं जा पाते है और खेतों की सिंचाई भी नहीं कर पा रहे हैं।  नहीं आवगमन हो पाता हैं। उनके खेतों पर आने जाने के लिए रास्ता भी खत्म कर दिया गया है। किसानों का कहना है कि उनके खेत की चकरोड और नालियों को खत्म करने वाले बिल्डर को भू-माफिया में चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई की जाए। किसानों ने कहा कि खसरा संख्या 1141, 1149, 1162, 1170 आदि में नाली सरकारी है, जो बिल्डर मोनू ने अवैध कॉलोनी में मिलाकर कब्जा कर लिया है, ऐसा आरोप लगाया है। इसमें कितनी सच्चाई हैं, इसकी जांच एमडीए सचिव और प्रशासन की टीम करेगी, जिसके बाद ही वास्तविकता सामने आएगी। शिकायतकर्ता किसान दुर्गा पुत्र शीशा निवासी घाट ने कमिश्नर से गुहार लगाई है कि सरकारी नाली और उनकी चकरोड की जमीन को कब्जा मुक्त कराकर मोनू के खिलाफ भू-माफिया की कार्रवाई की जाए। साथ ही उनकी अवैध कॉलोनी पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीक

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