ठाणे से लश्कर के दो आतंकवादी महाराष्ट्र एटीएस की गिरफ्त में हैं। दोनों आतंकवादियों की गिरफ्तारी 21 नवंबर को ही हो चुकी थी, लेकिन एटीएस ने इस जानकारी को पूरी तरह से गुप्त रखा था और कोर्ट में पेश कर 2 दिसंबर तक रिमांड पर ले लिया। इनसे एटीएस ने मुंबई, पुणे और औरंगाबाद मिलिट्री कैम्प के मैप बरामद किए हैं। एटीएस की पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ है कि दोनों के निशाने पर महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात के कई शहर थे। जहां ये किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। उन लोगों ने मुंबई सेन्ट्रल स्टेशन की रेकी भी की थी। एटीएस के मुताबिक उन दोनों के निशाने पर ऑयल इंस्टोलेशन थे।
भू-माफिया घोषित करने की मांग, किसानों ने दिया ज्ञापन मेरठ में घाट के कुछ किसान गुरुवार को कमिश्नर के सामने पेश हुए। इन किसानों का आरोप था कि बिल्डर मोनू गुर्जर ने उनके खेत की चकरोड और नाली को खत्म कर दिया है, जिसके चलते किसान अपने खेतों पर नहीं जा पाते है और खेतों की सिंचाई भी नहीं कर पा रहे हैं। नहीं आवगमन हो पाता हैं। उनके खेतों पर आने जाने के लिए रास्ता भी खत्म कर दिया गया है। किसानों का कहना है कि उनके खेत की चकरोड और नालियों को खत्म करने वाले बिल्डर को भू-माफिया में चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई की जाए। किसानों ने कहा कि खसरा संख्या 1141, 1149, 1162, 1170 आदि में नाली सरकारी है, जो बिल्डर मोनू ने अवैध कॉलोनी में मिलाकर कब्जा कर लिया है, ऐसा आरोप लगाया है। इसमें कितनी सच्चाई हैं, इसकी जांच एमडीए सचिव और प्रशासन की टीम करेगी, जिसके बाद ही वास्तविकता सामने आएगी। शिकायतकर्ता किसान दुर्गा पुत्र शीशा निवासी घाट ने कमिश्नर से गुहार लगाई है कि सरकारी नाली और उनकी चकरोड की जमीन को कब्जा मुक्त कराकर मोनू के खिलाफ भू-माफिया की कार्रवाई की जाए। साथ ही उनकी अवैध कॉलोनी पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीक
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