साहब! मेरी मां का कत्ल कर दिया। अब मेरा कत्ल करना चाहते हैं। मैं मरने के लिए आयी हूं। मुझे या तो मार दो या फिर जेल भेज दो। झूठे मुकदमें दर्ज करके उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। है कोई जो उसे न्याय दिला सकता है। घर में खाने को रोटी नहीं है, झूठे मामलों में जमानत कैसे करा लू? यह दर्द है उस रुबीना नामक महिला का है, जो दो वर्ष पहले अपनी मां को खो चुकी है। अब लोग उसकी जान के पीछे पड़े है। सोमवार को यूपी के केबिनेट मंत्री आजम खां मेरठ आए थे। मंडलायुक्त सभागार में आजम खां अधिकारियों की मीटिंग ले रहे थे, उसी दौरान अचानक रुबीना मंडलायुक्त आॅफिस के गेट पर पहुंची तथा छाती पीटकर रोने लगी। रुबीना जमीन पर लेट गई...। इसके बाद तो पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए।
रुबीना को जमीन से कैसे उठाया जाए? महिला आत्मदाह करने के लिए कोई कदम नहीं उठा दे? इसको देखते हुए पुलिस अधिकारियों के हाथ-पांव फुल गए। मंडलायुक्त आॅफिस के गेट पर फोर्स तो बड़ी तादाद में लगा रखी थी, मगर महिला पुलिस की यहां तैनाती नहीं की गई थी। आनन-फानन में सीओ कोतवाली मनीष मिश्रा ने एसओ, महिला थाने को फोन करके मौके पर बुलाया। रुबीना मूल रूप से माधवपुरम गली नंबर 12 की रहने वाली है। उसकी मां शबीना का दो वर्ष पहले मर्डर कर दिया गया था, जिसमें वसीम, अरशद व मोबीन निवासी चांदनगर जेल गए थे। शबीना हत्याकांड में समझौता करने के लिए रुबीना पर आरोपी दबाव बना रहे है। बकौल, रुबीना उसे व उसके परिजनों को जान से मारने की धमकी मिल रही है। समझौता नहीं करने की दशा में ही उसके खिलाफ 156(3)के तहत उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला लिसाड़ी गेट थाने में दर्ज करा दिया है। हत्या के प्रयास का मामला झूठा है। इसी मामले में पुलिस कर्मी उसके घर हर रोज पहुंच जाते है तथा उसका उत्पीड़न किया जा रहा है। इसी से त्रस्त होकर सोमवार को वह केबिनेट मंत्री आजम खां के दरबार में न्याय की गुहार लेकर पहुंची थी। पुलिस अधिकारियों ने रुबीना को केबिनेट मंत्री से नहीं मिलने दिया। पीड़िता ने एक बार मंत्री से मिलने की खूब गुहार लगाई, मगर पुलिस अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा। महिला पुलिस कर्मी रुबीना को जमीन से उठाकर जीप में बैठाकर महिला थाने ले गई। जीप में बैठने के बाद भी रुबीना ने ऐलान कर दिया कि न्याय नहीं मिला तो जहर खाकर जान दे दूंगी। न्याय चाहिए। झूठे मुकदमें वापस होने चाहिए। मुकदमें वापस नहीं हुए तो उसे भी गोली मार दो या फांसी पर चढ़ा दो।
रुबीना को जमीन से कैसे उठाया जाए? महिला आत्मदाह करने के लिए कोई कदम नहीं उठा दे? इसको देखते हुए पुलिस अधिकारियों के हाथ-पांव फुल गए। मंडलायुक्त आॅफिस के गेट पर फोर्स तो बड़ी तादाद में लगा रखी थी, मगर महिला पुलिस की यहां तैनाती नहीं की गई थी। आनन-फानन में सीओ कोतवाली मनीष मिश्रा ने एसओ, महिला थाने को फोन करके मौके पर बुलाया। रुबीना मूल रूप से माधवपुरम गली नंबर 12 की रहने वाली है। उसकी मां शबीना का दो वर्ष पहले मर्डर कर दिया गया था, जिसमें वसीम, अरशद व मोबीन निवासी चांदनगर जेल गए थे। शबीना हत्याकांड में समझौता करने के लिए रुबीना पर आरोपी दबाव बना रहे है। बकौल, रुबीना उसे व उसके परिजनों को जान से मारने की धमकी मिल रही है। समझौता नहीं करने की दशा में ही उसके खिलाफ 156(3)के तहत उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला लिसाड़ी गेट थाने में दर्ज करा दिया है। हत्या के प्रयास का मामला झूठा है। इसी मामले में पुलिस कर्मी उसके घर हर रोज पहुंच जाते है तथा उसका उत्पीड़न किया जा रहा है। इसी से त्रस्त होकर सोमवार को वह केबिनेट मंत्री आजम खां के दरबार में न्याय की गुहार लेकर पहुंची थी। पुलिस अधिकारियों ने रुबीना को केबिनेट मंत्री से नहीं मिलने दिया। पीड़िता ने एक बार मंत्री से मिलने की खूब गुहार लगाई, मगर पुलिस अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा। महिला पुलिस कर्मी रुबीना को जमीन से उठाकर जीप में बैठाकर महिला थाने ले गई। जीप में बैठने के बाद भी रुबीना ने ऐलान कर दिया कि न्याय नहीं मिला तो जहर खाकर जान दे दूंगी। न्याय चाहिए। झूठे मुकदमें वापस होने चाहिए। मुकदमें वापस नहीं हुए तो उसे भी गोली मार दो या फांसी पर चढ़ा दो।
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