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मेरठ पुलिस का एक चेहरा यह भी


यूपी पुलिस का एक चेहरा यह भी है। मेरठ के ट्रांसपोर्ट नगर में पुलिस उत्पीड़न से त्रस्त एक टैंपों यूनियन के प्रधान ने आत्मदाह कर लिया। अश्वनी लोधी का सोमवार को एक वीडियो वायरल हुआ है। यह वीडियो दिल्ली के हॉस्पिटल का है, जब वह जिंदगी और मौत से जूझ रहा था। यह वीडियो अश्वनी के परिजनों ने वायरल किया है, जिसमें अश्वनी ने कहा कि टीपी नगर थाने का दारोगा राजू पुनिया उससे दस हजार रुपये प्रति माह अवैध वसूली करता था। इस अवैध वसूली को बढ़ाने के लिए लगातार दबाव बना रहा था। नहीं बढ़ाने पर दारोगा ने उसको जिंदा जला दिया। उसके आत्मदाह करने की घटना के लिए पूरी तरह से दारोगा राजू पुनिया पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। इस वायरल वीडियो से यह साफ हो गया है कि मृत्यु से पहले अश्वनी लोधी ने जो बयान दिये है, उसमें दारोगा को ही जिम्मेदार ठहराया है। दारोगा उसका लगातार उत्पीड़न कर रहा था, जिसके बाद ही विभत्स घटनाक्रम सामने आया है। यह पूरी घटना दिल दहला देने वाली है। अब इसकी जांच पड़ताल होनी चाहिए कि आग पुलिस ने लगाई या फिर अश्वनी ने खुद लगाई थी। क्योंकि अश्वनी वायरल वीडियो में कह रहा है कि दारोगा ने आग लगाई। यह उसका मृत्यु से पहले दिया गया बयान बेहद महत्वपूर्ण है। मजिस्टेÑट के सामने भी यही बयान अश्वनी लोधी ने दिया था। अब इसमें पुलिस अपनी विवेचना में क्या-क्या लाती है, यह बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। हालांकि पुलिस ने टैंपों यूनियन के प्रधान अश्वनी लोधी का उत्पीड़न करने वाले दारोगा राजू पुनिया के खिलाफ मामूली धाराओं में मुकदमा तो दर्ज कर लिया था, लेकिन आग लगाकर जिंदा जलाने की धारा में पुलिस बढ़ोतरी करती है या फिर नहीं। अब यह देखना है। रविवार को अश्वनी का शव उसके घर लाया गया था,तब उसके परिजनों ने दारोगा को गिरफ्तार करने की मांग की थी। पुलिस ने छत्तीस घंटे के भीतर आरोपी दारोगा को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया था,जिसके बाद ही अश्वनी के शव का अंतिम संस्कार किया गया था।

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बिल्डिर के खिलाफ कमिश्नर से लगाई गुहार

भू-माफिया घोषित करने की मांग, किसानों ने दिया ज्ञापन  मेरठ में घाट के कुछ किसान गुरुवार को कमिश्नर के सामने पेश हुए। इन किसानों का आरोप था कि बिल्डर मोनू गुर्जर ने उनके खेत की चकरोड और नाली को खत्म कर दिया है, जिसके चलते किसान अपने खेतों पर नहीं जा पाते है और खेतों की सिंचाई भी नहीं कर पा रहे हैं।  नहीं आवगमन हो पाता हैं। उनके खेतों पर आने जाने के लिए रास्ता भी खत्म कर दिया गया है। किसानों का कहना है कि उनके खेत की चकरोड और नालियों को खत्म करने वाले बिल्डर को भू-माफिया में चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई की जाए। किसानों ने कहा कि खसरा संख्या 1141, 1149, 1162, 1170 आदि में नाली सरकारी है, जो बिल्डर मोनू ने अवैध कॉलोनी में मिलाकर कब्जा कर लिया है, ऐसा आरोप लगाया है। इसमें कितनी सच्चाई हैं, इसकी जांच एमडीए सचिव और प्रशासन की टीम करेगी, जिसके बाद ही वास्तविकता सामने आएगी। शिकायतकर्ता किसान दुर्गा पुत्र शीशा निवासी घाट ने कमिश्नर से गुहार लगाई है कि सरकारी नाली और उनकी चकरोड की जमीन को कब्जा मुक्त कराकर मोनू के खिलाफ भू-माफिया की कार्रवाई की जाए। साथ ही उनकी अवैध कॉलोनी पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीक

पाकी का कंपाउंडिंग मानचित्र निरस्त, गिरेगी बिल्डिंग

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  मेरठ में गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर भाकियू कार्यकर्ताओं ने आधी रात में डीएम आॅफिस पर डेरा लगा दिया। रात्रि में भाकियू के धरना आरंभ कर देने से अधिकारी भी नहीं समझ पाये कि आखिर रात्रि में धरना क्यों चालू कर दिया हैं। धरने पर बैठे किसानों ने बताया कि लखीमपुर खीरी में धरने पर बैठे किसानों का पानी और बिजली काटने से किसानों का आक्रोश भड़क गया। 75 घंटे से लखीमपुर खीरी में किसानों को केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ धरना चल रहा हैं।  भारतीय किसान यूनियन के राष्टÑीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के आह्वान पर रात्रि में अचानक धरना आरंभ हुआ हैं। किसान अपना हुक्का व टेंट लेकर डीएम आॅफिस पर पहुंचे तथा यहीं पर अपना डेरा जमा दिया। किसानों के रात्रि में धरने पर बैठने से  प्रशासन में खलबली मच गई। सुबह तक किसानों की भीड़ कलक्ट्रेट में बढ़ जाएगी। ऐसा माना जा रहा हैं। यहां धरने का नेतृत्व रविंद्र सिंह दौरालिया कर रहे हैं।  केन्द्रीय राज्यमंत्री अजय टोनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर किसानों का धरना चल रहा हैं। किसानों पर दर्ज कराये गए मुकदमों को वापस करने की मांग को लेकर किसान धरना दे रहे हैं।  भाक